जागती हुयी आंखों से देखे जाने वाले सपने, कैसे हकीकत में बदल जाते है यह सीखा जा सकता है भारतीय वायुसेना की स्कवाड्रन लीडर वीना सहारन से, जिन्होंनें बचपन में आकाश में उड़ते विमानों को देखकर उन्हें उड़ाने की कल्पना की थी जो अब हकीकत बन गयी है। वे अब भारतीय वायुसेना का गौरव कहे जाने वाले आई एल. 76 गजराज को उड़ाने वाली है। वे देश की
पहली ऐसी महिला पायलट हो जायेगी, जिन्हें गजराज विमान को उड़ाने का अवसर प्राप्त होगा।
मिलेट्री हेडक्वाटर ऑफ वार महू में सीनियर स्टाफ आफिसर के रूप में पदस्थ कर्नल एच.एन.सहारन अपनी 27 वर्षीय पुत्री की इस
गौरव शाली उपलब्धि पर सीना फुलाये कहते हैं यह एक माता-पिता के लिये गौरव का क्षण होता है। उन्होंनें बताया कि वीना का बचपन का ख्वाव हकीकत में बदल जायेगा इसकी उन्हें आशा ही नहीं पूरा विश्वास था।
मूलत: जयपुर के रहने वाले कर्नल सहारन अपनी बेटी के बचपन को याद करते हुये बताते है कि वीना शायद चौथी कक्षा में रही होगी।
हम जयपुर केन्टोनमेंट में रहा करते थे। वीना का लगाव एयरोप्लेन के प्रति इतना अधिक था कि वह अपने घर की छत पर ही हल्के-फुल्के माइक्रोलाइट विमान उड़ाया करती थी और जब आसमान में उड़ते विमान देखती तो अपनी मां से कहती कि मैं भी एक दिन ऐसा ही विमान उड़ाऊंगी। सेना में पदस्थ होने के कारण बचपन से ही सैन्य परिवेश में रही वीना ने दिल्ली से बी.एस.सी. आनर्स की डिग्री प्रथम स्थान पर प्राप्त करने के साथ एन.सी.सी का सी प्रमाण पत्र और पर्वतरोहण का
पाठयक्रम भी पास किया। कर्नल सहारन बताते है यह 2001 की बात है। वीना ने भारतीय वायुसेना में आफि सर के लिये आवेदन किया और उसका चयन हो गया। दिसम्बर 2002 में उन्हें कमीशन भी प्राप्त हो गया था।
वीना के पिता बताते हैं और इन सात सालों में उसने इतिहास रच दिया। वीना ने वायुसेना के विमानों में दो हजार घन्टों की सफल उड़ान
भरी। वायुसेना की चंडीगढ़ स्थित 25 वीं स्कवाड्रन में उन्होंने ए.एन.32 प्लेन से तमाम कठिनाई वाले लक्ष्य की उड़ान भरी और सफल रही जैसे लेह, लद्दाख और सियाचिन। ए.एन 32 में दो शक्तिशाली इंजन के अलावा सात टन वजन ले जाने की क्षमता रहती है।
वीना की पिछली सफल उड़ान और उनके अन्य रिकार्ड को देखते हुये उनका चयन आई.एल.76 को उड़ाने के लिये किया गया है। उल्लेखनीय है कि आई.एल.76 भारतीय वायुसेना का विशालतम जहाज है, गजराज के नाम से मशहूर इस जहाज में चार शक्तिशाली इंजन होते है और इसमें 43 टन वजन ढोने की क्षमता रहती है। इस विमान को अब तक किसी महिला पायलट ने नहीं उड़ाया है। स्कवाड्रन लीडर वीना सहारन देश की पहली महिला पायलट होंगी जिन्हें यह अवसर प्राप्त हो रहा है। वीना को इसके लिये आगरा और नागपुर एयरवेस पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
अपने पिता कर्नल सहारन से महू मिलने आई वीना आज सुबह ही नागपुर एयरवेस के लिये रवाना हुयी हैं। लगभग तीन माह के प्रशिक्षण के बाद वीना गजराज को उड़ायेंगी। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना में गजराज आई.एल.76 को उड़ाना एक गौरव और सम्मान माना जाता है। यह सम्मान अब देश की एक बेटी को प्राप्त हो रहा है।
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