रविवार, 18 जनवरी 2009

आठ साल की लड़की ने रचाई मेंढक से शादी

इस साल आर विज्ञानेश्वरी नाम की लड़की से मेंढक की शादी हुई है। परंपरा के अनुसार तमिल महीने के पहले दिन विवाह का मुहूर्त निकलता है। बीते शुक्रवार को भी ऐसा ही मुहूर्त था। इस दिन गांव के मुथुमेरियम्मन मंदिर के तालाब से मेंढक निकाला गया और विज्ञानेश्वरी से उसकी शादी कर दी गई। मंदिर के पश्चिम क्षेत्र में रहने वाले लोग मेंढक की तरफ से विज्ञानेश्वरी के घर गए और उसकी शादी के लिए उसके माता-पिता से अनुमति ली। इसके बाद भजन और ढोल नगाड़ों के शोर के बीच मंदिर के पुजारी ने लड़की और मेंढक की शादी करा दी।

देश छोड़कर भाग गया प्रभाकरण

तमिल विद्रोहियों के अंतिम गढ़ मुल्लाईतिवु की घेराबंदी कर रही श्रीलंकाई सेना ने आशंका जताई है कि लिट्टे प्रमुख वी प्रभाकरण देश छोड़कर भाग गया है।
इस बीच सरकार ने देश के अशांत उत्तरी क्षेत्र में सैन्य अभियान के बाद राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने का वादा किया है। भारतीय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन की दो दिवसीय श्रीलंका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने उन्हें यह आश्वासन दिया।
श्रीलंका सेना के प्रमुख सरथ फोनसेका ने रविवार को यहां कहा, 'इस बात के आसार कम ही हैं कि लिंट्टे प्रमुख श्रीलंका में हो। लेकिन, यह भी तय है कि वह भारत नहीं गया। भारत सरकार उसे वहां रुकने की इजाजत नहीं देगी।' उल्लेखनीय है कि प्रभाकरण 1991 में राजीव गांधी की हत्या के मामले में वांछित है। प्रभाकरण का संगठन लिबरेशन टाइगर आफ तमिल ईलम [लिंट्टे] यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र में भी आतंकी संगठन के तौर पर सूचीबद्ध है। सेना प्रमुख ने कहा कि लिट्टे पर हमारा शिकंजा कसता जा रहा है। उसके तमाम ठिकानों पर सेना ने कब्जा कर लिया है।
इससे पहले किलिनोच्चि और एलीफैंट पास पर कब्जा करने के बाद सेना ने प्रभाकरण के मुल्लाईतिवु में होने की बात कही थी। स्थानीय मीडिया में कहा जा रहा है कि प्रभाकरण जमीन से 30 फुट नीचे एक वातानुकूलित बंकर में रह रहा है और रात में ही बाहर निकलता है।
श्रीलंका की सैन्य टुकड़ियां रविवार को मुल्लाईतिवु के और करीब पहुंच गईं। सेना ने दावा किया कि उसकी ताजा कार्रवाई में कम से कम 31 लिंट्टे विद्रोही मारे गए। सेना ने लिंट्टे की एक नौका बनाने वाले कारखाने को भी ध्वस्त करने का दावा किया।

आरएएफ के जवान बुलेट प्रूफ जैकेट पहनेंगे

दंगे नियंत्रित करने के लिए विशेषतौर पर प्रशिक्षित त्वरित कार्रवाई बल [आरएएफ] के नीली वर्दी वाले जवान अब आतंकी हमलों के स्थलों सहित जान जोखिम में डालने वाले अन्य अभियानों में बुलेट प्रूफ जैकेट का इस्तेमाल करेंगे।
ये बुलेट पू्रफ आरएएफ के चुनिंदा कर्मियों को दी जाएगी जो जब तक दंगों से निपटने के दौरान अलग तरह की जैकेट पहनते थे। आरएएफ के महानिरीक्षक जे सी डबास ने कहा कि त्वरित कार्रवाई बल की भूमिका हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है और मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य में यह भूमिका और बढ़ रही है। मुंबई हमलों जैसी स्थितियों और जम्मू-कश्मीर में जान जोखिम में डालने वाले विभिन्न अभियानों में हमारे कर्मियों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ समय की जरुरत है। आरएएफ के 12000 में से 30 फीसदी कर्मियों को ऐसी नई जैकेटें दी जाएगी।
मुंबई में आतंकी हमलों के स्थलों के आसपास के क्षेत्र की घेराबंदी करने वाली आरएएफ इस अनुभव को राष्ट्रीय राजधानी में स्थापित बल के नए संग्रहालय में अपने इतिहास में शामिल करेगी। मुंबई पुलिस के बाद आरएएफ ऐसा पहला विशेष बल था जो नवी मुंबई से ताज होटल पहुंचा था। डबास ने कहा कि मुंबई की घटना बल के इतिहास में शामिल की जाएगी जहां उसने आतंकियों के बाहर निकलने के रास्ते को बंद करने का काम किया था।
मुंबई के पुलिस आयुक्त के गत 26 नवंबर को तलब किए जाने के बाद मुंबई के पास स्थित बल की 102 वीं बटालियन की ताज होटल, ओबराय [ट्राइडेंट] और नरीमन हाउस में तैनाती की गई थी। बल ने मुंबई स्थित अपनी इकाई से पहले ही घटना के बारे में राष्ट्रीय राजधानी स्थित मुख्यालय में दस्तावेज भेजने को कह दिया है। मुंबई के आतंकी हमलों के दौरान तैनात रहे कर्मियों के चित्रों,दस्तावेजों और समाचारों को आरएएफ के संग्रहालय का हिस्सा बनाया जाएगा। बल की स्थापना वर्ष 1992 में की गई थी।

डीजल लीकेज के कारण कुंऐ में आग

शाजापुर/भोपाल। आगर तहसील के ग्राम पांचारुंडी में कल दोपहर पाइप लाइन से डीजल के रिसाव के चलते अचानक एक कुएं में पानी में आग लग गई जिससे तीन विद्युत मोटरें, पाइप तथा अन्य विद्युत उपकरण जलकर नष्ट हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की हाईस्पीड पेट्रोलियम पाइप लाइन मुंबई, बिजवासन, दिल्ली वाया मांगलिया, इंदौर होकर ग्राम पांचारुंडी के समीप से निकली है।
पिछले कई दिनों से इस गांव के किसान इस पाइप लाइन से डीजल रिसाव की शिकायतें कर रहे थे। इस पाइप लाइन के एसवी 32 केन्द्र के समीप पाइप लाइन से डीजल का लीकेज लगातार हो रहा है जिससे गांव के अनेक कुओं में डीजल आ रहा है। अनेक शिकायतें करने के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते कल बने सिंह नामक किसान के 40 फीट गहरे कुएं में अचानक आग लग गई। आगर से आयी फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
इस मामले की शिकायत किये जाने पर 10 जनवरी को विभाग के अधिकारियों ने लीकेज बंद करने का दावा किया था। इस लीकेज से चुराया गया एक हजार लीटर डीजल भी पुलिस 30 दिसंबर 08 को बरामद कर चुकी है।
दूसरी तरफ जिला कलेक्टर राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि कल की घटना को देखते हुए वे भारत पेट्रोलियम के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं और अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया है कि लीकेज को बंद कर दिया गया है।

रविवार, 11 जनवरी 2009

उड़ने वाली कार का परीक्षण अगले माह

जेम्स बांड या हालीवुड की साइंस फिक्शन फिल्मों में आपने कई बार उड़ने वाली कार देखी होगी। लेकिन जल्द ही यह कल्पना हकीकत बनने जा रही है। दुनिया की पहली उड़ने वाली कार का हवाई परीक्षण अगले महीने होने जा रहा है।
द संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यदि परीक्षण सफल रहा तो 18 महीनों में यह कार बिकने के लिए बाजार में उपलब्ध होगी।
टू सीटर यह कार जहां सड़क पर हवा से बातें करेंगी वहीं 15 सेकेंड के भीतर इसे हवा में उड़ाया जा सकेगा। कार को नासा के पूर्व इंजीनियरों ने तैयार किया है और नाम रखा है 'द टेराफुगिया ट्रांजिशन।'
हवा और जमीन पर यह 100 बीएचपी इंजन से संचालित होगी। कार के निर्माता कार्ल डेट्रिच ने कहा कि उड़ने वाली कार सामान्य शीशारहित ईधन से चलेगी। एक बार टंकी भरवाने के बाद टेराफुगिया 800 किमी तक उड़ सकेगी।
सड़क पर इसकी गति भी लाजवाब होगी। इसकी रफ्तार 115 मील प्रति घंटे [185 किमी प्रति घंटा] होगी। अभी इसका परीक्षण 90 मील प्रति घंटे [करीब 144 किमी प्रति घंटा] की रफ्तार के साथ केवल सड़कों पर ही किया गया है।
उन्होंने कार के डिजाइन को अनूठा बताया है। लागत के बारे में बताते हुए डेट्रिच ने कहा कि इसकी संभावित कीमत दो लाख अमेरिकी डालर [करीब 95 लाख रुपये] हो सकती है। महंगी होने के बावजूद हमें 40 आर्डर पहले ही मिल चुके हैं। डायट्रिक ने कहा कि इसे बाजार में उतारने में थोड़ी दिक्कत है।
इसका बीमा कराने में मुश्किल आ सकती है साथ ही किसी भी स्थान से उड़ान भर सकना भी आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अलास्का ही ऐसी जगह है जहां सड़क से उड़ान भरना कानूनी है। डेट्रिच ने भविष्य में इन कारों के सस्ते वर्जन लाने की उम्मीद जताई है।

कल्याण के तेवरों से झुलसने लगी भाजपा

कल्याण सिंह के उग्र तेवरों से फूट रही चिंगारियां अब भाजपा को झुलसने लगी हैं। उनके पुत्र राजवीर सिंह ने बुलंदशहर सीट के घोषित उम्मीदवार अशोक प्रधान को क्षेत्र में घुसने नहीं देने की कसम खा ली है। इससे माहौल ऐसा बन गया है कि पार्टी कहने को तो 2009 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है, लेकिन परिदृश्य 1999 जैसा लगने लगा है, जब कल्याण सिंह इसी तरह चिंगारियां छोड़ रहे थे।
शनिवार को बुलंदशहर में राजवीर सिंह और अशोक प्रधान समर्थकों के बीच टकराव की नौबत आ जाने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। जाहिर है कि कल्याण सिंह जैसे कद्दावर नेता के क्षेत्र में पार्टी की फजीहत हुई, लेकिन पूर्वमंत्री लालजी टंडन कहते हैं कि इसमें अनुशासनहीनता जैसी कोई बात नहीं। एक को टिकट मिलने पर अन्य दावेदारों का गुस्सा फूटना स्वाभाविक है। टंडन के मुताबिक, नामांकन होने तक कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया अनुशासनहीनता की श्रेणी में नहीं आती। अशोक प्रधान इस तर्क से सहमत नहीं। उन्होंने जागरण से कहा कि पार्टी के भीतर प्रतिक्रिया वाजिब है, लेकिन सड़क पर कतई नहीं।
प्रधान कहते हैं कि शनिवार को राजवीर सिंह समाजवादी पार्टी द्वारा प्रयोजित गुंडे लेकर उनसे टकराने आए थे। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से राजवीर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
अशोक प्रधान को बुलंदशहर सीट पर टिकट देने का विरोध खुद कल्याण सिंह कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रधान ने भितरघात करके उनके पुत्र राजवीर को डिबाई सीट पर हरवा दिया था। कल्याण सिंह घोषणा कर चुके हैं कि वह बुलंदशहर सीट पर प्रधान को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे, यद्यपि प्रधान का दावा है कि कल्याण सिंह के विरोध के बावजूद वह चुनाव जीत जाएंगे।
बहरहाल, रविवार को वरिष्ठ नेता लालजी टंडन द्वारा खुलकर राजवीर सिंह की तरफदारी करने से संकेत मिलने लगे कि इस प्रकरण के बहाने पार्टी की गुटबाजी दोबारा सिर उठाने लगी है। टंडन से पूछा गया कि क्या प्रधान की सीट बदली जा सकती है? उन्होंने कहा कि नामांकन से पहले कुछ भी संभव है। कल्याण सिंह यही मांग कर रहे हैं।
उधर, प्रधान का कहना है कि राजवीर सिंह का आचरण गंभीर घटना है। केंद्रीय व प्रांतीय नेतृत्व के अलावा खुद कल्याण सिंह को भी सोचना चाहिए कि पार्टी अनुशासन को लेकर उनके बेटे और किसी अन्य कार्यकर्ता के लिए क्या अलग-अलग नियम हैं? कल्याण सिंह द्वारा शनिवार की घटना को जन-प्रतिक्रिया करार दिए जाने पर प्रधान ने सवाल उठाया कि राजवीर इतने लोकप्रिय हैं, तो डिबाई में चुनाव कैसे हार गए?
विरोध पूरी तरह जायज : कल्याण कल्याण सिंह नहीं मानते कि उनके पुत्र राजवीर सिंह ने कोई अनुशासनहीनता की। शनिवार की घटना को पूरी तरह जायज ठहराते हुए उन्होंने जागरण से कहा कि जिस अशोक प्रधान ने विधानसभा चुनाव में भितरघात करके भाजपा को छह-सात सीटों पर हरवाया, उसे बुलंदशहर की जनता क्षेत्र में कैसे घुसने देगी।
उन्होंने कहा कि यह राजवीर का अपना क्षेत्र है, लिहाजा वह भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन असलियत यह है कि पूरे संसदीय क्षेत्र से इतनी बड़ी संख्या में लोग जमा थे कि प्रधान की बुलंदशहर में घुसने की हिम्मत नहीं पड़ी।

गौरव गजराज को उड़ायेगी देश की पहली महिला पायलट

जागती हुयी आंखों से देखे जाने वाले सपने, कैसे हकीकत में बदल जाते है यह सीखा जा सकता है भारतीय वायुसेना की स्कवाड्रन लीडर वीना सहारन से, जिन्होंनें बचपन में आकाश में उड़ते विमानों को देखकर उन्हें उड़ाने की कल्पना की थी जो अब हकीकत बन गयी है। वे अब भारतीय वायुसेना का गौरव कहे जाने वाले आई एल. 76 गजराज को उड़ाने वाली है। वे देश की
पहली ऐसी महिला पायलट हो जायेगी, जिन्हें गजराज विमान को उड़ाने का अवसर प्राप्त होगा।
मिलेट्री हेडक्वाटर ऑफ वार महू में सीनियर स्टाफ आफिसर के रूप में पदस्थ कर्नल एच.एन.सहारन अपनी 27 वर्षीय पुत्री की इस
गौरव शाली उपलब्धि पर सीना फुलाये कहते हैं यह एक माता-पिता के लिये गौरव का क्षण होता है। उन्होंनें बताया कि वीना का बचपन का ख्वाव हकीकत में बदल जायेगा इसकी उन्हें आशा ही नहीं पूरा विश्वास था।
मूलत: जयपुर के रहने वाले कर्नल सहारन अपनी बेटी के बचपन को याद करते हुये बताते है कि वीना शायद चौथी कक्षा में रही होगी।
हम जयपुर केन्टोनमेंट में रहा करते थे। वीना का लगाव एयरोप्लेन के प्रति इतना अधिक था कि वह अपने घर की छत पर ही हल्के-फुल्के माइक्रोलाइट विमान उड़ाया करती थी और जब आसमान में उड़ते विमान देखती तो अपनी मां से कहती कि मैं भी एक दिन ऐसा ही विमान उड़ाऊंगी। सेना में पदस्थ होने के कारण बचपन से ही सैन्य परिवेश में रही वीना ने दिल्ली से बी.एस.सी. आनर्स की डिग्री प्रथम स्थान पर प्राप्त करने के साथ एन.सी.सी का सी प्रमाण पत्र और पर्वतरोहण का
पाठयक्रम भी पास किया। कर्नल सहारन बताते है यह 2001 की बात है। वीना ने भारतीय वायुसेना में आफि सर के लिये आवेदन किया और उसका चयन हो गया। दिसम्बर 2002 में उन्हें कमीशन भी प्राप्त हो गया था।
वीना के पिता बताते हैं और इन सात सालों में उसने इतिहास रच दिया। वीना ने वायुसेना के विमानों में दो हजार घन्टों की सफल उड़ान
भरी। वायुसेना की चंडीगढ़ स्थित 25 वीं स्कवाड्रन में उन्होंने ए.एन.32 प्लेन से तमाम कठिनाई वाले लक्ष्य की उड़ान भरी और सफल रही जैसे लेह, लद्दाख और सियाचिन। ए.एन 32 में दो शक्तिशाली इंजन के अलावा सात टन वजन ले जाने की क्षमता रहती है।
वीना की पिछली सफल उड़ान और उनके अन्य रिकार्ड को देखते हुये उनका चयन आई.एल.76 को उड़ाने के लिये किया गया है। उल्लेखनीय है कि आई.एल.76 भारतीय वायुसेना का विशालतम जहाज है, गजराज के नाम से मशहूर इस जहाज में चार शक्तिशाली इंजन होते है और इसमें 43 टन वजन ढोने की क्षमता रहती है। इस विमान को अब तक किसी महिला पायलट ने नहीं उड़ाया है। स्कवाड्रन लीडर वीना सहारन देश की पहली महिला पायलट होंगी जिन्हें यह अवसर प्राप्त हो रहा है। वीना को इसके लिये आगरा और नागपुर एयरवेस पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
अपने पिता कर्नल सहारन से महू मिलने आई वीना आज सुबह ही नागपुर एयरवेस के लिये रवाना हुयी हैं। लगभग तीन माह के प्रशिक्षण के बाद वीना गजराज को उड़ायेंगी। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना में गजराज आई.एल.76 को उड़ाना एक गौरव और सम्मान माना जाता है। यह सम्मान अब देश की एक बेटी को प्राप्त हो रहा है।

हड़तालियों की सांस टूटने के कगार पर

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को लेकर सरकार कभी गरम तो कभी नरम की नीति अपना रही है। इस वजह से लोगों की तकलीफें दूर होने का नाम नहीं ले रहीं। लेकिन जल्द ही इससे निजात मिल सकती है। ट्रक हड़ताल के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस पर फैसले का इंतजार सभी को है। यदि फैसला ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ आया तो सरकार की सख्ती बढ़ जाएगी और ट्रांसपोर्टरों के हौसले एकदम पस्त हो जाएंगे।
वैसे सरकार का दावा है कि ट्रक हड़तालियों के हौसले टूटने लगे हैं। उसका कहना है कि कई क्षेत्रीय संगठनों ने हड़ताल खत्म कर दी है। ट्रक मालिक भी सरकार के साथ हैं। जनता तो हड़तालियों के साथ नहीं ही है। ऐसे में हड़ताली कभी भी हथियार डाल सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने शुक्रवार को ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया है कि हड़ताल से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें तथा जनता की तकलीफें बढ़ती जा रही हैं। याचिका में ट्रक हड़ताल को गैर कानूनी घोषित और ट्रकों के परमिट रद करने की मांग की गई है।
सरकार को पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट सोमवार को जनता के हित में फैसला सुनाएगा। शायद यही वजह थी कि रविवार को परिवहन सचिव ब्रह्मा दत्त के तेवर तीखे थे। एक दिन पहले परिवहन मंत्री टी.आर. बालू ने हड़तालियों के प्रति काफी नरम रुख दिखाया था।
रविवार को ब्रह्मा दत्त ने कहा कि ट्रांसपोर्टर रोज नई मांगें रख रहे हैं, जिन्हें मानना संभव नहीं है। उन्होंने दावा किया कि तमाम क्षेत्रीय एसोसिएशन के हड़ताल से तौबा कर लेने के बाद हड़ताली ट्रांसपोर्टरों की हिम्मत टूटने ही वाली है। उन्होंने हड़ताल को राष्ट्रविरोधी भी बताया।
संवाददाताओं से बातचीत में ब्रह्मा दत्त ने कहा कि हड़ताल से निपटने के लिए 15-20 लाख ट्रकों का संचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा। इस संबंध में विचार के लिए राज्यों के परिवहन मंत्रियों को सोमवार को दिल्ली बुलाया गया है। इस बैठक में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जरूरी उपायों पर चर्चा होगी। परमिट संबंधी ट्रांसपोर्टरों की मांग पर भी चर्चा होने की संभावना है।
परिवहन सचिव के मुताबिक हरियाणा के गुड़गांव, राजस्थान के जयपुर, महाराष्ट्र के पुणे तथा कर्नाटक के हासन समेत अनेक नगरों में क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने हड़ताल खत्म कर दी है। ट्रक मालिकों के संगठन आल इंडिया कंफेडरेशन आफ गुड्स वेहिकल ओनर्स [आइकोगोआ] ने हड़ताल से निपटने में सरकार को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया है। यह संगठन शुरू से ही हड़ताल से अलग है।
सरकार ट्रांसपोर्टरों के साथ पुचकार-दुत्कार की दोहरी नीति अपना रही है। परिवहन मंत्रियों की बैठक बुलाना भी इसी का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि इससे जमीनी हकीकत का पता चलेगा और आगे की कार्रवाई में सहूलियत रहेगी। यदि राज्य सरकारों से सहयोग मिला और आइकोगोवा के ट्रक चल निकले तो आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस [एआईएमटीसी] की अकड़ टूटने में वक्त नहीं लगेगा। वैसे भी तेल कंपनियों के अधिकारियों की ही तरह हड़ताली ट्रांसपोर्टरों के साथ भी जनता की रत्ती भर सहानुभूति नहीं है। इसलिए हड़ताल खत्म होना ज्यादा मुश्किल नहीं है।