मानव तस्करी में महिलाएं अप्रत्याशित रूप से अहम भूमिका निभा रही हैं। इनमें ज्यादातर ऐसी ही महिलाएं शामिल होती हैं जो खुद इसका शिकार रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
यूनाइटेड नेशंस आफिस आन ड्रग्स एंड क्राइम्स [यूएनओडीओसी] के मुताबिक सूचना उपलब्ध कराने वाले 30 प्रतिशत देशों में मानव तस्करी में महिलाओं की भागीदारी आश्चर्यजनक रूप से सबसे ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी यूरोप और मध्य एशियाई देशों में मानव तस्करी के 60 प्रतिशत मामलों में महिलाएं जिम्मेदार होती हैं।
यूएनओडीओसी प्रमुख एंटोनियो मारिया कोस्टा ने बताया कि इन क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा महिलाओं की तस्करी आम बात है। हैरानी की बात तो यह है कि मानव तस्करी के शिकार हुए लोग ही तस्कर बन गए हैं। इसके मनोवैज्ञानिक, वित्ताीय के कारणों को समझने की जरूरत है जिससे यह पता लग सके कि क्यों महिलाएं ही अन्य महिलाओं को इस गर्त में धकेलती हैं। कोस्टा कहते हैं, 'बदले की भावना इसकी एक वजह हो सकती है।'
मानव तस्करी का जाल कहां तक फैला है इसका पता लगाने के लिए यूएनओडीओसी ने 155 देशों से सूचनाएं जुटाई। इसके मुताबिक अभी भी दुनिया के ज्यादातर भाग में मानव तस्करी से जुड़े मामलों में वृद्धि हो रही है।
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