गोधरा काड के बाद भड़के गुजरात दंगों से जुड़े एक मामले में विशेष जाच दल ने गुजरात सरकार की महिला एवं बाल कल्याण राज्यमंत्री माया बेन कोडनानी और विहिप नेता जयदीप पटेल को भगोड़ा घोषित कर दिया है।
गुजरात सरकार और भाजपा ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन, माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस मुद्दे का गरमाना मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने राजनीतिक विरोधियों पर पलटवार का एक और मौका दे जाएगा।
गुजरात दंगों की जाच के लिए गठित विशेष जाच दल के समक्ष गवाहों ने नरोड़ा गाम दंगे में कोडनानी और विहिप नेता जयदीप के लिप्त होने का आरोप लगाया था। गत दिसंबर में एसआईटी ने इन दोनों से पूछताछ की थी। इसमें कोडनानी ने बताया था कि वह 28 फरवरी की इस घटना के दिन सरकारी अस्पताल में भर्ती थीं। एसआईटी के एक अधिकारी के अनुसार जाच के बाद एसआईटी ने 29 व 31 जनवरी को उन्हें फिर हाजिर होने के लिए समन भेजा। लेकिन, गांधीनगर मंत्री आवास और अहमदाबाद स्थित घर पर उनसे संपर्क नहीं हो सका। इस दौरान मंत्री का मोबाइल भी बंद होने के कारण उनके पूछताछ नहीं हो सकी। एसआईटी ने सोमवार को कोडनानी और जयदीप पटेल को भगोड़ा घोषित कर उनकी तलाश तेज कर दी है।
उधर, मंत्री के कार्यालय से संपर्क करने पर पता चला कि वे वलसाड जिले में महिला सम्मेलनों में व्यस्त है। बचाव पक्ष के वकील मीतेश अमीन ने दोनों आरोपियों की अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 5 फरवरी को होगी।
उल्लेखनीय है कि गुजरात दंगों के दौरान नरोड़ा गाम में 28 फरवरी को अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोप पत्र में माया बेन समेत 24 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी। माया बेन नरोड़ा विधानसभा से तीन बार विधायक चुनी गई है। इस मामले की जाच एसआईटी कर रही है। जाच टीम का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था। सीबीआई के पूर्व निदेशक आर. के. राघवन इस समिति के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सी. डी. सत्पथी समेत गुजरात कैडर के तीन वरिष्ठ आईपीएस इसके सदस्य है।
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