भोपाल। करोद स्थित देश की पहली आईएसओ केन्द्रीय जेल में एक कैदी ने दूसरे कैदी पर ब्लेड से हमला कर दिया। हमले के बाद उसने खुद भी अपनी गर्दन पर ब्लेड मार जान देने का प्रयास किया। दोनों की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। जेल प्रशासन की शिकायत पर वारदात के दो दिन बाद गांधीनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक कैदी हरिकिशन मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में जेल में बंद है। इसी जेल में कल्लू उर्फ चिकना उर्फ दिनेश पुत्र महेन्द्र मीणा (23) भी चोरी के मामले में बंद है। पिछले दिनों जेल में कल्लू और हरिकिशन के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। दोनों में जमकर लात-घूंसे चले थे। जेल प्रबंधन ने किसी तरह दोनों को अलग कर दिया था। 11 दिसंबर को एनडीपीएस कोर्ट में हरिकिशन की पेशी थी। प्रहरी लाल सिंह अहिरवार उसे अन्य कैदियों के साथ बाहर ला रहा था। जैसे ही हरिकिशन जेल के तीन नंबर गेट के सामने पहुंचा, वहां कल्लू पहले से खड़ा था। उसने हरिकिशन पर ब्लेड से हमला कर दिया। हरिकिशन के चेहरे और हाथ पर उसने कई वार किए। चीख पुकार सुन प्रहरी और अन्य कैदियों ने किसी तरह उसे पकड़ा तो आरोपी ने ब्लेड से खुद का हाथ और गला काट लिया। दोनों को आनन-फानन में जेल के अस्पताल में दाखिल करा दिया गया।
पहले तो जेल प्रबंधन मामले पर पर्दा डालने का प्रयास करता रहा। बाद में शनिवार को प्रबंधन ने गांधीनगर थाने में एक लिखित आवेदन दिया। इसके बाद रात में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने दोनों का मेडिकल भी कराया है।
खुली जेल की सुरक्षा की पोल: इस घटना ने जेल में सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। पूरी तलाशी के बाद ही जेल में कैदियों को दाखिल होने दिया जाता है।
इसके बाद भी कल्लू के पास ब्लेड पहुंच गई और उसने हमला कर दिया। जेल प्रशासन का तर्क है कि तीन-चार माह पहले दाड़ी बनाने के दौरान कल्लू ने इस्तेमाल की हुई ब्लेड अपने पास छुपाकर रख ली थी। हमले में उसने इसी ब्लेड का इस्तेमाल किया।
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